
हमारा देश तकनीकी दुनिया में हर दिन हर पल कुछ नया कर रहा है पर कुछ आविष्कार ऐसे होते हैं जो पूरी दुनिया को हिला कर रख देते हैं। ऐसा ही नाम है DeepSeek का। जैसे ही इस AI का नाम सामने आया तो कई देशों के सरकारे और बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां सतर्क हो गई। अब प्रश्न किया है कि DeepSeek आखिर किस बला का नाम है? इस प्रयोग में कैसे लाया जा सकता है? और न जाने क्यों दुनिया भर के लिए चिंता का विषय बन गया है? तो चलिए आज हम इस लेख में DeepSeek टेक्नोलॉजी को विस्तार से समझते हैं।
1.DeepSeek क्या है?
DeepSeek समृद्ध आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल हैं। जिसे अत्यधिक शक्तिशाली और प्रभावशील मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग तकनीकों पर विकसित किया गया है। इसको इस तरह से बनाया गया है कि इंटरनेट से बिल्कुल सटीक और गहराई से जानकारी निकाल कर आप तक पहुंचा सकती है। DeepSeek रिकॉर्ड को प्रक्रिया कर सकता है और साथ ही साथ जटिल सवालों के सटीक उत्तर दे सकता है।
यह एक सर्च इंजन और AI चैटबाउट से मिलकर बना है जो केवल वेब पर उपस्थित डेटा को पढ़ने तक सीमित नहीं है बल्कि गहन ज्ञान देने में भी सक्षम है। इसका तात्पर्य निकलता है कि यह ना सिर्फ सामान बेव डेटा बल्कि खतरनाक डीप वेब ओर डार्क वेब तक भी पहुंचा सकता है।
2.DeepSeek को किसने बनाया
चीन के एक प्रमुख उद्यमी और तकनीकी विशेषज्ञ लियांग वेनफेंग ने DeepSeek को बनाया है। ग्वांगडोंग प्रांत के वुचुआन के छोटे शहर में लियांग वेनफेंग का जन्म 1985 में हुआ था।उन्होंने झेजियांग विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक सूचना इंजीनियरिंग में स्नातक और सूचना एवं संचार इंजीनियरिंग में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। अपने शैक्षणिक जीवन के दौरान, लियांग ने वित्तीय बाजारों में डेटा एकत्र करने और मशीन लर्निंग के माध्यम से स्वचालित ट्रेडिंग सिस्टम विकसित करने पर काम किया।
2015 में, उन्होंने हाई-फ्लायर नामक एक क्वांटिटेटिव हेज फंड की स्थापना की, जिसने कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके निवेश प्रबंधन में सफलता हासिल की। 2023 में, लियांग ने DeepSeek की स्थापना की, जिसका उद्देश्य एआई के क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान करना है। उनकी नेतृत्व क्षमता और तकनीकी दृष्टिकोण ने DeepSeek को एआई उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

3.DeepSeek को बनाना जरूरी क्यों हो गया था?
DeepSeek को विकसित करने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण था – इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी का सही उपयोग और निष्पक्षता।
- वर्तमान सर्च इंजन की सीमाएं:-गूगल और अन्य सर्च इंजन केवल सतही जानकारी दिखाते हैं, जबकि बहुत सारी अहम जानकारी डीप वेब में छिपी रहती है। दीपसीक इस गहरी जानकारी को निकालने में सक्षम है।
- डिजिटल सेंसरशिप के खिलाफ एक कदम:- बहुत सारी सरकारें और कंपनियां कुछ जानकारियों को छिपाने का काम करती हैं। दीपसीक को इस सेंसरशिप को हटाने और लोगों को सही जानकारी देने के लिए बनाया गया है।
- रिसर्च और साइंटिफिक एडवांसमेंट:-वैज्ञानिक शोध, मेडिकल रिसर्च, और डेटा साइंस के लिए अधिक सटीक और गहरी जानकारी निकालने की जरूरत थी। दीपसीक इस जरूरत को पूरा करने के लिए बनाया गया है।
4. DeepSeek का प्रयोग कैसे करें
DeepSeek का प्रयोग बहुत ही सरल है। यह बिल्कुल किसी भी सर्च इंजन या चैटबाउट की तरह काम करता है पर इसकी ऐ क्षमता इसे अन्य टूल से विभि बनती है।
1. इंफॉर्मेशन सर्च:- इसे किसी भी जटिल विषय पर रिसर्च करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह किसी भी सवाल का जवाब पुराने सर्च इंजन से अधिक तेजी और सटीकता से दे सकता है।
2. डेटा विश्लेषण (Data Analysis):- बड़े पैमाने पर डेटा को स्कैन कर उसकी गहरी समझ विकसित कर सकता है। यह रिपोर्ट बनाने, ट्रेंड विश्लेषण और रिसर्च में काफी मदद कर सकता है।
3. डार्क वेब और सीक्रेट डेटा एक्सेस:- दीपसीक की सबसे खतरनाक क्षमता यह है कि यह छिपी हुई और प्रतिबंधित जानकारियों तक भी पहुंच सकता है। यही कारण है कि सरकारें और सुरक्षा एजेंसियां इस पर नज़र रख रही हैं।

5.सभी देश DeepSeek से डर क्यों रहे हैं?
दीपसीक के आने से दुनिया भर की सरकारों और बड़ी-बड़ी टेक कंपनी के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसके पीछे कई कारण है।
- गोपनीयता (Privacy) और राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा:- दीपसीक ताकतवर और शक्तिशाली AI टेक्नोलॉजी है कि यह किसी भी देश की गोपनीय जानकारी तक पहुंच सकता है। अगर यह गलत हाथों में पड़ गया तो यह जासूसी साइबर हमले और डेटा लीक का बड़ा हथियार बन सकता है।
- सेंसरशिप और सरकारी नियंत्रण पर असर:- कई देश इंटरनेट पर सेंसरशिप लागू करते हैं (जैसे चीन, रूस, ईरान)। DeepSeek की क्षमता इन सेंसरशिप को बायपास कर सकती है, जिससे ये सरकारें इसे खतरनाक मान रही हैं।
- बड़े टेक कंपनियों के लिए चुनौती:- गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, और अन्य बड़ी कंपनियां इंटरनेट पर जानकारी का नियंत्रण रखती हैं। लेकिन अगर DeepSeek अधिक स्वतंत्र और खुला सर्च सिस्टम बन गया, तो यह इन कंपनियों के बिजनेस मॉडल को चुनौती दे सकता है।
DeepSeek एक क्रांतिकारी AI सिस्टम है जो सूचन और प्रौद्योगिकी को नए तरीके से एक्सेस और प्रोसेस करता है। इसकी क्षमताओं और शक्ति के कारण यह सरकारों और कंपनियों के लिए एक बड़ा खतरा का विषय बन गया है।
अब सवाल हम लोग के मन में या उठना है कि क्या DeepSeek पूरे विश्व के लिए वरदान साबित होगा या फिर इंटरनेट की सुरक्षा और गोपनीय जानकारी के लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाएगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा
आपका क्या विचार है? क्या DeepSeek जैसी तकनीक को खुला रहना चाहिए, या इस पर नियंत्रण लगाना जरूरी है? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!

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